ज़िंदगी का सफर - 💞हमसफ़र के साथ💞 "भाग 26"
किआरा विकास को लेकर अपने मन ही मन में कुछ तय करती है ।
अगले दिन किआरा जल्दी उठती है तो उसकी नजर बच्चों और इवान पर पड़ती है तो वो मुस्कुरा देती है क्युकी तीनो सेम पोजीशन में सो रहे थे और तीनो के बाल बिखरे हुए थे, किआरा वन्या और उत्कर्ष के चेहरे से बाल ठीक कर उन दोनो के माथे पर किस करके उन्हे गुड मॉर्निंग बोलती है फिर उसकी नजर इवान पर जाती है तो वो इवान के पास आती है और इवान के बाल ठीक करके वापस बिखरा देती है, ऐसा करने में उसे बहुत मज़ा आ रहा था किआरा बार बार इवान के बाल बनाती फिर उन्हे कार्टूनस की तरह बिखरा देती, इवान जो बार बार किआरा के बाल बनाने के कारण खनकती चूडियो की आवाज से उठ गया था पर आँखे बंद किये लेता था वो जैसे ही किआरा उठकर जाने को होती है उसका हाथ पकड़ खींच लेता है, किआरा यु अचानक खींचे जाने के कारण संभल नहीं पाती और वो इवान के ऊपर गिर जाती है, किआरा का एक हाथ इवान के हाथ में तो दूसरा उसके कंधे पर होता है और उसका सिर इवान के सीने पर जो किआरा के इतने नादजीक आने पर बेतहाशा धड़के ही जा रहा था धक धक धक धक 💓
किआरा की हालत भी कुछ ऐसी ही उसकी भी धड़कने सुपर फास्ट एक्सप्रेस बन कर इवान की धड़कनो को टक्कर दे रही थी 💞
किआरा ने नजर उठाकर इवान की तरफ देखा तो इवान उसी की तरफ देख रहा था एक पल को दोनो की आँखे आपस में उलझ गई, इवान और किआरा बस एक दूसरे में खोये हुए थे, किआरा खोइ हुई सी ही इवान के चेहरे की तरफ बढ़ने लगती है तो इवान की धड़कनो की रफ़्तार तेज़ हो जाती है, किआरा अपनी आँखे बंद करके इवान के माथे पर अपने होंठ रख देती है, इस एहसास से इवान की भी आँखे बंद हो जाती है, लेकिन अचानक इवान के हाथ जो किआरा ने कस कर पकड़ा हुआ था उस पर किआरा की पकड़ थोड़ी और कस जाती है तो उसका जख्म दुख जाता है और उसके मुह से हल्कि आह निकलती है तो किआरा जल्दी से होश में आती है और इवान से दूर होकर उसका हाथ देखते हुए खबराकर पूछती है
किआरा :- क...... क्या हुआ आपको इवान जी, अ.... आपको कहा दर्द हो रहा है बताइये, ह..... हमे..... आय एम सॉरी इवान जी हमारे कारण आपके जख्म ताज़े हो गये आपको दर्द हो रहा है बताइये…......
किआरा को समझ नहीं आ रहा था की क्या बोले बो खबराहट में कुछ भी बोले जा रही थी, उसकी आँखों में आंसू आ गये थे और वो रोते हुए ही बोल रही थी तो इवान उसे शांत कराने लगा, उसे बार बार बोलता की वह ठीक है, लेकिन किआरा बस रोये जा रही थी और इवान को इधर उधर देखते हुए उससे पूछ रही थी की कहा चोट लगी है उसे, जब किआरा शांत ना हुई और ना ही इवान की एक बात सुनी तो इवान ने उसे एक झटके से खींचकर अपने गले लगा लिया और उसके सिर पर हाथ फेरकर उसे शांत कराने लगा
इवान :- शांत किआरा शांत में एकदम ठीक हु तुम चिंता मत करो मुझे कुछ नहीं हुआ है ( किआरा को अलग कर उसका चेहरा अपने हाथो में भरकर ) देखो मुझे मै बिल्कुल ठीक खड़ा हु अब तुम शांत हो जाओ और रो मत वरना मै तुम्हे.... ( सोचते हुए ) हा क्राइ बेबी बुलाऊंगा, जब देखो तब क्राइ बेबी बनकर रोती रहती हो
किआरा इवान की बात सुनकर उससे अलग होती है और उसकर तरफ अपनी आँखे छोटी छोटी कर घूरते हुए बोलती है
किआरा :- हम.... हम आपको क्राइ बेबी लगती है😠
इवान ( हसते हुए ) :- हाँ बिल्कुल तुम तो बिल्कुल वन्या और उत्कर्ष से ज्यादा रोती रहती हो, इतना तो वन्या और उत्कर्ष भी ना रोते होंगे जितना तुम रोती हो 😜
किआरा ( चिढ़ते हुए ) :- आँह...... जाइये हमे अब आपसे बात ही नहीं करनी, आप ना एक नंबर के खड़ूस है, अपका नाम ना इवान चौहान नहीं आपका नाम तो मिस्टर खड़ूस चौहान होना चाहिए था, हम अब आपसे नाराज है नहीं करने बाले आपसे बात हुंह😏
किआरा मुह बनाकर अपने कपड़े लेकर बाथरूम में चली और जोर से दरबाजा बंद कर आईने के सामने खड़े होकर गहरी गहरी सांसे लेने लगती है, वो कुछ पल पहले हुए वाक्य को याद करती है और खुदसे बोलती है
किआरा :- किआरा.... किआरा.... किआरा.... ये आपने क्या करदिया अब इवान जी आपके बारे में क्या सोच रहे होंगे, जानते है हम की आप उनसे प्यार करने लगी है लेकिन वो तो नहीं करते ना, वो तो बस उनकी अनु जी से प्यार करते है आज भी, लेकिन हम भी क्या करे उनकी अच्छाई ने, उनके बेहेवियर ने, उनका हमारी फ़िक्र करना, हमारा ख्याल रखना, इन सबके कारण हमे उनसे प्यार करने पर मजबूर करदिया तो हम क्या करे, अब हमारा हमारे दिल पर ही जोर ना चला, उनके छोटे से छोटे जख्म का भी अब हमपर असर पड़ता है, जब उस दिन हमने इवान जी के एक्सीडेंट की बात सुनी थी तब हमे ऐसा महसूस हुआ था जैसे किसी ने हमारे दिल पर सौ सुइया चुभो दी हो, हमे ऐसा लगा जैसे हमारी धड़कनो ने धड़कना बंद कर दिया, हम जानते है वो हमे कभी प्यार नहीं देंगे लेंगे हमारा क्या हमारे इस दिल का क्या जो कर बैठा उनसे प्यार, पर अब हमे ये जज्बात यही रोकने होंगे, कही उन्हे पता चला तो वो हमे गलत ना समझ ले, हम जानते है हमारी किस्मत में कभी खुशियाँ लिखी ही नहीं, और ना ही कभी हमे किसी का भी पुरा प्यार मिलता है, हमारे जन्म लेते ही माँ हमे छोड़कर चली गई, और कभी हमे उनका प्यार नसीब ना हुआ और अब जब हम किसी से प्यार करते है तो वो किसी और से प्यार करते है, और फिर उस एक एक्सीडेंट में हमसे हमारा सबसे बड़ा सुख, एक माँ बनने का सुख भी छीन गया, लेकिन हमे इस बात का मलाल नहीं है क्युकी हमारे उस कदम के कारण किसी की जान बची थी, और अब हमने भले ही अपनी कोख से वन्या और उत्कर्ष को जन्म ना दिया पर हम उनकी माँ है, पर शायद हमारी किस्मत में सब कुछ अधूरा ही लिखा है ।
इतना सोचकर किआरा शावर ओन कर उसके नीचे खड़ी हो जाती है ।
कुछ देर बाद किआरा वापस आती है और बिना इवान की तरफ देखे वन्या और उत्कर्ष को तैयार कर नीचे चली जाती है, इवान किआरा से बात करने की कोशिश करता है पर वो उसको इग्नोर करती रहती है ।
किआरा के जाने के बाद इवान उदास सा बेड पर बैठ जाता है और किआरा को मनाने की तरकीब सोचता रहता है ।
To be continued...................
थैंक्यू सो मच आप सभी पाठकों को मेरी स्टोरी पढ़ने के लिए।
Miss Chouhan
11-Nov-2022 11:28 AM
Nice story😊😊😊
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Palak chopra
03-Nov-2022 03:16 PM
Shandar 🌸
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Gunjan Kamal
02-Nov-2022 11:27 PM
शानदार भाग
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